एक और सुहानी शनि की सुबह,
पर था उस दिन मुझपर शनि भरी,
परीक्षण में आ रही थी मनहूस भौतिक विज्ञान सारी.
कैसे बयान करूँ मैं तुमको अपनी मानसिक स्थिति,
जब मैंने प्रतिबिम्ब में देखी मोमबत्ती खड़ी उल्टी.
और बिजली के तो क्या कहने,
किस तार से कितनी बहे, यह तो खुदा भी न जाने.
अणुओं को गिनते-गिनते मैं हुआ बदहाल,
उनका अर्ध-जीवन निकालते-निकालते उतर गयी मेरी बाल की खाल.
तरंगों के मिश्रण ने दिया मेरे नादान चक्षुओं को दोखा,
कहीं से दिखी छोटी सी गेंद तो कहीं से फल तरबूज़ का.
चुम्बक ने भी मेरी अतिक्षीण बुद्धि पर किया प्रहार,
दायाँ हस्त शासन बायाँ हस्त शासन, भुला डाला सब कुछ मेरे यार!
हे राम! यदि तुम मेरी दरख्वास्त सुनते हो,
तो एक छोटा सा रहम करो,
कृपया भौतिक विज्ञान को इस जहान से उठा लो.
P.S. After much apprehension, I have put up one of my Hindi compositions out here..This was written way back in 2003, when I used to love the intricate nature of Physics..enjoy! :)
पर था उस दिन मुझपर शनि भरी,
परीक्षण में आ रही थी मनहूस भौतिक विज्ञान सारी.
कैसे बयान करूँ मैं तुमको अपनी मानसिक स्थिति,
जब मैंने प्रतिबिम्ब में देखी मोमबत्ती खड़ी उल्टी.
और बिजली के तो क्या कहने,
किस तार से कितनी बहे, यह तो खुदा भी न जाने.
अणुओं को गिनते-गिनते मैं हुआ बदहाल,
उनका अर्ध-जीवन निकालते-निकालते उतर गयी मेरी बाल की खाल.
तरंगों के मिश्रण ने दिया मेरे नादान चक्षुओं को दोखा,
कहीं से दिखी छोटी सी गेंद तो कहीं से फल तरबूज़ का.
चुम्बक ने भी मेरी अतिक्षीण बुद्धि पर किया प्रहार,
दायाँ हस्त शासन बायाँ हस्त शासन, भुला डाला सब कुछ मेरे यार!
हे राम! यदि तुम मेरी दरख्वास्त सुनते हो,
तो एक छोटा सा रहम करो,
कृपया भौतिक विज्ञान को इस जहान से उठा लो.
P.S. After much apprehension, I have put up one of my Hindi compositions out here..This was written way back in 2003, when I used to love the intricate nature of Physics..enjoy! :)
Intricate it is..more like a tongue twister! kya apne munshi premchand ki kitabe padhi hai?
ReplyDeletehe he...nahi..maine munshi premchand ki kitaabein to nahi padhi kyonki maine dasvi kaksha mein sanskrit padhi thi, parantu main hindi mein bhi apne bhaavon ko abhivyakt kiya karta tha par ab koshish kuch ksheen ho gayi hai :)
ReplyDelete